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आलम-सक्र में जो कहता हूँ कहने दे मुझे

ख़ुर्शीद रिज़वी

आलम-सक्र में जो कहता हूँ कहने दे मुझे

ख़ुर्शीद रिज़वी

MORE BYख़ुर्शीद रिज़वी

    आलम-सक्र में जो कहता हूँ कहने दे मुझे

    मेरे अंदर तो यही कुछ है सो रहने दे मुझे

    कभी लम्स को यकसर नज़र-अंदाज़ करें

    आँख से आँख मिला ख़ून में बहने दे मुझे

    दूर जा कर भी मिरी रूह में मौजूद रह

    तू कभी अपनी जुदाई भी तो सहने दे मुझे

    तू मुझे बनते बिगड़ते हुए अब ग़ौर से देख

    वक़्त कल चाक पे रहने दे रहने दे मुझे

    जान-ए-'ख़ुर्शीद' मुझे साए से महरूम रख

    मैं गहन में अगर आता हूँ तो गहने दे मुझे

    स्रोत :
    • पुस्तक : imkaan (पृष्ठ 33)

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