वफ़ा पर 20 बेहतरीन शेर
वफ़ा पर शायरी भी ज़्यादा-तर
बेवफ़ाई की ही सूरतों को मौज़ू बनाती है। वफ़ादार आशिक़ के अलावा और है कौन। और ये वफ़ादार किरदार हर तरफ़ से बे-वफ़ाई का निशाना बनता है। ये शायरी हमको वफ़ादारी की तर्ग़ीब भी देती है और बेवफ़ाई के दुख झेलने वालों के ज़ख़्मी एहसासात से वाक़िफ़ भी कराती है।
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वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था
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टैग्ज़: फ़ेमस शायरीऔर 3 अन्य
बहुत मुश्किल ज़मानों में भी हम अहल-ए-मोहब्बत
वफ़ा पर इश्क़ की बुनियाद रखना चाहते हैं
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टैग्ज़: इश्क़और 2 अन्य
क्यूँ पशेमाँ हो अगर वअ'दा वफ़ा हो न सका
कहीं वादे भी निभाने के लिए होते हैं
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टैग्ज़: वफ़ाऔर 1 अन्य
तुझ से वफ़ा न की तो किसी से वफ़ा न की
किस तरह इंतिक़ाम लिया अपने आप से
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टैग्ज़: इंतिक़ामऔर 1 अन्य
इस ज़िंदगी ने साथ किसी का नहीं दिया
किस बेवफ़ा से तुझ को तमन्ना वफ़ा की है
ढूँड उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें
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टैग्ज़: प्रेरणादायकऔर 2 अन्य
वफ़ाओं के बदले जफ़ा कर रहे हैं
मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे हैं
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टैग्ज़: धोखाऔर 1 अन्य
उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती
वा'दा न वफ़ा करते वा'दा तो किया होता
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टैग्ज़: उम्मीदऔर 2 अन्य
तिरी वफ़ा में मिली आरज़ू-ए-मौत मुझे
जो मौत मिल गई होती तो कोई बात भी थी
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टैग्ज़: आरज़ूऔर 2 अन्य
अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई
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टैग्ज़: अंजामऔर 3 अन्य
वफ़ा के शहर में अब लोग झूट बोलते हैं
तू आ रहा है मगर सच को मानता है तो आ
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टैग्ज़: वफ़ाऔर 1 अन्य