आगरा के शायर और अदीब
कुल: 65
अबुल फैज़ फ़ैज़ी
मीर तक़ी मीर
उर्दू के पहले बड़े शायर जिन्हें 'ख़ुदा-ए-सुख़न' (शायरी का ख़ुदा) कहा जाता है
मिर्ज़ा ग़ालिब
विश्व-साहित्य में उर्दू की सबसे बुलंद आवाज़। सबसे अधिक सुने-सुनाए जाने वाले महान शायर
नज़ीर अकबराबादी
मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन। अग्रणी शायर जिन्होंने भारतीय संस्कृति और त्योहारों पर नज्में लिखीं। होली, दीवाली, श्रीकृष्ण पर नज़्मों के लिए मशहूर
शैख़ अबुल फ़ज़ल अल्लामी
अबुल्लैस सिद्दीक़ी
मज़हर मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ
अख़्तर अंसारी अकबराबादी
- जन्म : आगरा
शायर और साहित्यिक पत्रकार, ‘नशेमन’, ‘मशरिक़’ और ‘नई क़द्रें’ जैसी साहित्यिक पत्रिकाओं का सम्पादन किया. पद्य गद्य में कई कई किताबें प्रकाशित हुईं
बक़ा उल्लाह 'बक़ा'
- जन्म : आगरा
मीर और सौदा के विवादास्पद समकालीन, दोनों शायरों की आलोचना के शिकार हुए
बयाँ अहसनुल्लाह ख़ान
प्रमुख क्लासिकी शायर, मीर तक़ी ‘मीर’ के समकालीन
एजाज़ सिद्दीक़ी
प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रकार और शयार जिन्होंने "शायर" जैसी साहित्यिक पत्रिका का संपादन किया
जहाँआरा बेगम
मुग़लिया सल्तनत के बादशाह शाहजहाँ की साहिबज़ादी और सूफ़ी ख़ातून, मुसन्निफ़ा शाइ’र
ख़ालिद हसन क़ादिरी
मयकश अकबराबादी
प्रसिद्ध शायर के अलावा आलोचक और इक़बालिया के विशेषज्ञ थे और तसव्वुफ इनका मिज़ाज था।
मुनीबुर्रहमान
- जन्म : आगरा
- निवास : मिशिगन
- निधन : संयुक्त राज्य अमेरिका
जदीद नज़्म के एक अहम शायर
सबा अकबराबादी
- जन्म : आगरा
- निवास : कराची
- निधन : इस्लामाबाद
साक़िब लखनवी
प्रमुख उत्तर कलासिकी शायर / अपने शेर ‘बड़े ग़ौर से सुन रहा था ज़माना...’ के लिए मशहूर
सीमाब अकबराबादी
अग्रणी पूर्व-आधुनिक शायरों में विख्यात, सैंकड़ों शागिर्दों के उस्ताद।
शाह अकबर दानापुरी
सिलसिला-ए-अबुल-उ’लाइया के मशहूर बुज़ुर्ग और सूबा-ए-बिहार के अ’ज़ीम सूफ़ी शाइ’र
शेरी भोपाली
अहमर जलेसरी
बशेशर प्रदीप
- निवास : आगरा
दिल ताज महली
हसन अकबर कमाल
इल्यास शौक़ी
- जन्म : आगरा
आबिद हसन फ़रीदी
बद्री प्रसाद शैदा
निगार फारुक़ी
राहिब मैत्रेय
रश्मि भारद्वाज
- निवास : आगरा
अब्दुल मजीद अफ़्ग़ानी
आशिक़ अकबराबादी
- निधन : आगरा
असरार अकबराबादी
बनो ताहिरा सईद
चाँद अकबराबादी
कुशल दौनेरिया
मोहम्मद सईद
मोतीलाल नेहरू
इलाहाबाद के एक मशहूर वकील थे। वे भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू के पिता थे। वे भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के आरम्भिक कार्यकर्ताओं में से थे। जलियांवाला बाग काण्ड के बाद 1919 में अमृतसर में हुई कांग्रेस के वे पहली बार अध्यक्ष बने और फिर 1928 में कलकत्ता में दोबारा कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
मुल्ला अब्दुल क़ादिर बदायुनी
नज्म आफ़न्दी
निसार अकबराबादी
- निवास : आगरा